बीजिंग। दुनियाभर में कोरोना वायरस के बढ़ते कहर के बीच चीन के वैज्ञानिकों ने इससे निपटने की दिशा में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। यहां वैज्ञानिकों ने एक ऐसा नैनो मैटेरियल तैयार करने का दावा किया है, जो इस वायरस से लड़ सकता है। चीन के वुहान शहर को कोरोना वायरस (कोविड19) की जन्मस्थली कहा जाता है। वुहान में ही कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा कहर देखने को मिला था। चीन में अब तक 3 हजार से ज्यादा लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन के वैज्ञानिकों ने कोई दवा या कंपाउंड नहीं बनाया है, बल्कि एक नैनो मैटेरियल के जरिये वायरस को खत्म करने का दावा कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह नैनो मैटेरियल 96.5 से 99.9 प्रतिशत तक सटीक तरीके से वायरस को सोखकर उन्हें निष्क्रिय कर सकता है। इंसुलेशन और लुब्रिकेंट एडिटिव्स से लेकर अन्य कई उत्पादों को तैयार करने में नैनो मैटेरियल का इस्तेमाल होता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी कई नैनो एंजाइम प्रयोग में लाए जाते हैं।
अमेरिका के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ के मुताबिक, खास तरीके और उद्देश्य से तैयार नैनो पार्टिकल बहुत फायदेमंद हो सकते हैं। हालांकि, अभी लोगों की सेहत और पर्यावरण पर इनके प्रभाव को लेकर बहुत कम जानकारी है। यहां तक कि सामान्य रूप में लाभकारी मानी जाने वाली चांदी भी नैनो पार्टिकल के रूप में बदलने पर बड़े नुकसान पहुंचा सकती है।
गौरतलब है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से पूरी दुनिया में फैल चुका है। अब तक दुनियाभर में सात लाख से ज्यादा लोग संक्रतिम हो चुके हैं, जबकि 35 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है। उम्मीद है कि नया नैनो मैटेरियल संक्रमण को काबू करने में मदद करेगा। कोरोना वायरस की वैक्सीन पर कई देश काम कर रहे हैं। इनमें अमेरिका, ब्रिटेन और चीन शामिल है। अमेरिका ने वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण भी शुरू कर दिया है। हालांकि, वैक्सीन को तैयार होने में कई महीनों का समय लग सकता है। इसलिए विश्व स्थास्थ्य संगठन के अनुसार, अभी कोरोना वायरस से लड़ने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग ही सबसे बेहदतर उपाय है।