भोपाल/ मध्यप्रदेश के सियासी ड्रामे का फिलहाल द एंड होता नहीं दिखाई दे रहा है। बीजेपी ने अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। बुधवार को कोर्ट सभी पक्षों को सुनेगी। सवाल है कि आखिर बीजेपी जब फ्लोर टेस्ट की मांग को लेकर अड़ी हुई है तो कांग्रेस इससे भाग क्यों रही है। क्या सदन में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है, अगर है तो फिर फ्लोर टेस्ट से भाग क्यों रही है।
आइए आपको नंबर गेम के जरिए समझाते हैं कि आखिर सदन में अभी स्थिति क्या है। अगर सरकार फ्लोर टेस्ट के लिए राजी हो जाती है तो वर्तमान स्थिति के हिसाब से सरकार का भविष्य क्या होगा। ऐसे कई सवाल हैं, जिसे लोग समझना चाह रहे हैं। सत्ता की चाभी बेंगलुरू में रुके उन विधायकों के पास ही हैं, जिन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया है। साथ ही लगातार मांग कर रहे हैं कि इसे स्वीकार किया जाए।
वर्तमान स्थिति को समझिए
मध्यप्रदेश विधानसभा में सदस्यों की कुल संख्या 230 है। दो सीट पहले से खाली हैं और छह कांग्रेस विधायकों का इस्तीफा मंजूर हो जाने के बाद सदस्यों की संख्या 222 रह गई है। इसमें कांग्रेस के पास 108, बीजेपी के पास 107, बीएसपी के पास 2, सपा के पास 1 और निर्दलीय विधायकों की संख्या 4 है। इस परिस्थिति में किसी भी पार्टी को बहुमत साबित करने लिए 112 सदस्यों की आवश्यकता होगी। कांग्रेस को सपा, बीएसपी और निर्दलीय विधायकों का अभी तक समर्थन हासिल है। कांग्रेस और इनकी संख्या जोड़ दी जाए तो 115 है। अगर हालात ऐसे ही रहे तो कांग्रेस की सरकार पर कोई खतरा नहीं है।
16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद का गणित
ज्योतिरादित्य सिंधिया के पार्टी छोड़ने पर कांग्रेस के कुल 22 सदस्यों ने इस्तीफा दिया है। विधानसभा स्पीकर ने इनमें से 6 सदस्यों का इस्तीफा मंजूर कर लिया है। 16 विधायकों का इस्तीफा पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। ये सभी अभी बेंगलुरू में मौजूद हैं, इनका कहना है कि हमलोग सिंधिया के साथ हैं और अपनी मर्जी से इस्तीफा दिया है। अगर स्पीकर इनका इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो फिर सरकार पर संकट बढ़ जाएगा और बचना मुश्किल है।
16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार होने के बाद मध्यप्रदेश विधानसभा में सदस्यों की संख्या 206 रह जाएगी। जिसमें कांग्रेस के पास 92, बीजेपी के पास 107, बीएसपी के पास 2, सपा के पास एक और निर्दलीय चार रह जाएंगे। बहुमत साबित करने के लिए 104 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। समर्थन कर रहे लोगों की संख्या कुल सात और कांग्रेस के अपने कुल 92 विधायक हैं। दोनों को मिला दें तो 99 हो जाती है और बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। इस स्थिति अगर फ्लोर टेस्ट होता है तो कमलनाथ की सरकार गिर जाएगी।
फ्लोर टेस्ट से क्यों भाग रही सरकार
इस्तीफा देने वाले 16 विधायक सदन में अभी मौजूद हैं नहीं, ऐसे हालात में अगर फ्लोर टेस्ट होता है कि सरकार संकट में आ जाएगी। सोमवार को सत्र की शुरुआत हुई, इस दौरान सपा और बीएसपी के विधायक अनुपस्थित रहे। सदन में सदस्यों की संख्या अभी कांग्रेस के हिसाब नहीं है। स्पीकर राज्यपाल के अभिभाषण के बाद फ्लोर टेस्ट करवाते तो सरकार गिर जाती है। ऐसे में कांग्रेस लगातार गुहार लगा रही हैं कि बेंगलुरू से विधायकों को भोपाल लाया जाए। सरकार बचाने के लिए कांग्रेस हर मोर्च पर टाल मटोल कर रही है।