रायपुर. स्टेशन से शदाणी दरबार तक बनी एक्सप्रेस-वे सड़क धंसकने के 11 माह बाद मंगलवार को लोक निर्माण विभाग के मंत्री ताम्रध्वज साहू अफसरों के साथ देखने पहुंचे। 350 करोड़ लागत की इस सड़क के पांचों ओवरब्रिज के एप्रोच रोड का दोबारा निर्माण कराया जा रहा है। जिसे देखकर मंत्री साहू ने अफसरों से गुणवत्ता को जांच-परखकर ही ठेकेदार के बिल का अंतिम भुगतान करने कहा है। यहां से नवा रायपुर में बन रहे मुख्यमंत्री और मंत्रियों के आवास कार्यों का भी उन्होंने जायजा लिया। श्रमिकों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग के भी निर्देश दिए।
चर्चित एक्सप्रेस वे सड़क पिछले साल जुलाई में पहली बारिश में धंस गई थी। इसकी जांच मुख्य तकनीकी परीक्षक और एनआईटी जैसे संस्थानों से करानी पड़ी। उसी एक्सप्रेस-वे सड़क की सभी पांचों पुलों के एप्रोच साइड को तोड़कर फिर से बनाया जा रहा है। जिसे 11 महीने बाद देखने लोक निर्माण मंत्री साहू पहुंचे हुए थे। इसके साथ ही नवा रायपुर में करोड़ों रुपए के दोनों बड़े प्रोजेक्टों के निर्माण में गुणवत्ता की जांच कर ठेकेदारों को भुगतान करने का आदेश दिया है। इस दौरान विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी एवं प्रमुख अभियंता विजय कुमार भतपहरी मौजूद थे।
थर्ड पार्टी तकनीकी जांच अनिवार्य
लोक निर्माण विभाग में घटिया निर्माण की इंतहा है। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले माह 26 तारीख को लोक निर्माण विभाग की समीक्षा बैठक में गुणवत्ता से समझौता नहीं करने कहा था। निर्माण कार्य पूरा होने पर तृतीय पक्ष यानी थर्ड पार्टी तकनीकी अफसरों की टीम से जांच कराना सुनिश्चित किया है, तभी ठेकेदारों को भुगतान होगा।
986 करोड़ 97 लाख के 63 कार्यों की निविदा बुलाई
प्रमुख अभियंता भतपहरी ने बताया कि निर्माण कार्यो में तेजी लाई जा रही है। 986 करोड़ 97 लाख की लागत से 63 कार्यों की ऑनलाईन निविदा आमंत्रित की गई है। इनमें 25 निविदा पुल के हैं। परफारमेंस गारंटी के वाले मार्गो में पेच रिपेयर के लिए 15 जून की तिथि तय की गई है।