रायपुर. रायपुर में 22 जुलाई से 28 जुलाई तक लॉकडाउन लगने की सूचना चार दिन पहले से प्रसारित-प्रचारित हो रही थी, ताकि कोई यह न कह सके कि अचानक से निर्णय थोप दिया गया। अपील की गई कि घरों में रहें। कोरोना को हराने में शासन-प्रशासन का सहयोग करें, फिर भी लॉकडाउन में कई लोग अपने ब"ाों को लेकर घूमने निकले। दो पहिया में सिर्फ चालक ही रहेगा, मगर इसमें भी तीन-तीन, चार-चार लोग बैठे दिखे। सामने बच्चे भी खड़े थे। कार में दो से ज्यादा लोगों के बैठने की इजाजत नहीं है तो चार-चार लोग बैठे पाए गए। सब्जी, गैस सिलेंडर, बैंक का काम, ई-पास बनवाने लोग निकले।
बहाना नंबर 1- परीक्षा देने आए थे
- स्टेशन के पास बाइक पर जा रहे दो युवकों को रोका गया। पुलिस ने पूछताछ की, तो बोले- परीक्षा देने आए थे। एडमिट कार्ड मांगा गया तो इन्होंने दिखाया। जिसमें 23 जुलाई को कोई एग्जाम नहीं होना पाया गया। अधिकारियों ने कहा लॉकडाउन में कौन सी परीक्षा हो रही है। सभी स्थगित कर दी गई हैं। इन्हें समझाइश देकर छोड़ दिया गया।
बहाना नंबर 2- ई-पास बनवाना है
- फाफाडीह चौक के पास जांच के दौरान पुलिस हर गाड़ी को रोकर पूछताछ कर रही थी। इसी दौरान एक्टिव सवार दो व्यक्तियों को रोका गया। एक ने बोला, मैं कटोरा तालाब से आ रहा हूं। दूसरा बोला, मैं इसका भाई हूं। हम फाफाडीह में रहते हैं। घर जा रहे हैं। दरअसल, ई-पास बनवाने के लिए मैं (कटोरा तालाब वाला व्यक्ति) भाई के घर जा रहा था। पुलिसवाले ने कहा- यह तो ऑनलाउन बन रहा है। जवाब मिला- मेरे पास स्मार्ट फोन नहीं है।
शास्त्री बाजार में कड़े बंदोबस्त की जरुरत
शहर का शास्त्री बाजार सुबह से खुल रहा है, मगर यहां पर कोरोना की किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं हो रहा। जबकि यह बड़ा खतरा है। हजारों लोग यहां पहुंच रहे हैं। यहां नियमित जांच, नियमों का पालन करवाने की सख्त जरुरत है।