भिलाई. स्वच्छता में वर्ष 2019 में पूरे देश में 11 वां रैंक का गौरव हासिल हासिल करने वाले भिलाई नगर निगम को एक और बड़ी उपलब्धि मिली है। भिलाई अब देश के कचरा मुक्त शहरों की सूची में शामिल हो गया है। भिलाई को थ्री स्टार रैंकिंग मिला है। स्वच्छ सर्वेक्षण के तहत निगम प्रशासन ने स्टार रेटिंग एवं वाटर प्लस पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया था, ताकि स्वच्छ सर्वेक्षण के मापदंडों के अनुरूप सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए अधिक से अधिक अंक प्राप्त किया जा सके। नालियों में कचरा को रोकने के लिए तथा सीधे जल स्रोतों में न मिले इसके लिए नालियों में जालियां लगाई। जीवीपी पाइंट को समाप्त कर सौंदर्यीकरण करने का कार्य किया गया। निगम क्षेत्र में स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता फैलाने दीवारों पर रंग रोगन कर चित्रों व स्लोगन लिखवाया गया। (Bhilai municipal corporation)
दो पाली में सफाई
मार्केट क्षेत्र में सुबह व रात्रि दोनों पालियों में सफाई व कचरा कलेक्शन कार्य किया गया मुख्य सड़कों सहित गली, मोहल्लों की सफाई व प्रतिबंधित प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने झिल्ली, पन्नी, प्लास्टिक के कचरा का उठाव करने का कार्य किया गया। सुबह एवं रात्रिकालीन सफाई कार्यों की मॉनिटरिंग विभागीय अधिकारियों ने जिम्मेदारी के साथ किया।
वार्डवार अधिकारियों को जिम्मेदारी
प्रत्येक वार्ड के लिए निगम के अधिकारी व कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गई थी जो सुबह से अपने-अपने नियुक्त क्षेत्रों में और स्वच्छता के कार्यों को बेहतर करने गतिविधियों पर नजर रखते थे। महापौर नगर निगम भिलाई देवेंद्र यादव ने बताया कि भिलाई की जनता हमेशा स्वच्छता के प्रति जागरूक रही है। कचरा मुक्त शहर में शामिल होने में लोगों ने अपनी पूर्ण सहभागिता निभाई। मुझे पूरा विश्वास है कि भिलाई शहर स्वच्छता में देश में प्रथम पायदान पर आएगा। धर्मेंद्र मिश्रा, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम ने बताया कि महापौर देवेंद्र यादव और आयुक्त ऋतुराज रघुवंशी के कुशल मार्गदर्शन में निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों, बीएसपी प्रबंधन एवं शहरवासियों ने भी अहम भूमिका निभाई ।
दुर्ग को नहीं मिला स्टार
दुर्ग में स्वच्छ भारत मिशन के तहत कचरा मुक्त शहरों की रैंकिंग में दुर्ग नगर निगम फिसड्डी रहा। हालात यह रहा कि 7 स्टार रेटिंग में शहर को एक भी स्टार नहीं मिला। असल में केंद्रीय टीम के सर्वेक्षण के दौरान नालों की गंदगी ने शहर की रेटिंग का गणित बिगाड़ दिया। टीम को मूल्यांकन के दौरान शहर के नाले गंदगी से बजबजाते मिले थे। मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की ओर से केंद्रीय टीम ने साल की शुरूआत में दो चरणों में देशभर के शहरों का ऑनलाइन मूल्यांकन किया था।
इसी के तहत दुर्ग में भी टीम पहुंची थी। इस दौरान केंद्रीय टीम ने कचरा प्रबंधन के तहत डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन, थोक उत्पादक अनुपालन, सेग्रीगेशन एट सोर्स, कचरे का वैज्ञानिक तरीके से निष्पादन, वैज्ञानिक तरीके से भूमि का भराव, प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन, निर्माण व विनिष्टिकरण और नागरिकों से सफाई व स्वच्छता को लेकर फीड बैक की जानकारी जुटाई गई थी। इसी के आधार पर देशभर में शहरों की रेटिंग की घोषणा की गई है।
रैंकिंग की जगह पहली बार रेटिंग
मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर्स की ओर से देशभर के शहरों में कचरा प्रबंधन को लेकर पहली बार यह रेटिंग कराया गया। इससे पीछे शहरों के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ाना और कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाना है। इससे पहले स्वच्छता को लेकर संपूर्ण प्रतिस्पर्धा के आधार शहरों की रैंकिंग घोषित किया जाता था।
रैंकिंग में पिछली बार 38वां नंबर था
इससे पहले स्वच्छता से संपूर्ण गतिविधियों के आधार पर रैंकिंग की जाती थी। इसमें अलग-अलग कार्य के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित किए जाते थे। इस आधार पर की गई रैंकिंग में पिछली बार दुर्ग निगम ने इसमें नगर निगमों में 38वां स्थान प्राप्त किया था।
यह कमजोरी इसलिए साबित हुए फिसड्ड़ी
रेटिंग में इस बार कचरा प्रबंधन पर पूरी तरह फोकस किया गया। इससे पहले अलग-अलग बिन्दुओं पर अंकों में किसी क्षेत्र विशेष में कमी की भरपाई दूसरे कामों के अंकों से हो जाती थी, लेकिन इस बार रेटिंग ऐसा नहीं हुआ। इस पर भी रेटिंग के दौरान केंद्रीय टीम को नालों में भारी गंदगी मिली। इससे निगम का गणित गड़बड़ा गया। स्वास्थ्य अधिकारी, ननि दुर्ग दुर्गेश गुप्ता ने बताया कि रेटिंग में अच्छी स्थिति की उम्मीद थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो पाया। कारणों की गंभीरता से समीक्षा की जाएगी और आगे बेहतर के प्रयास किया जाएगा।